शारीरिक ऊर्जा एवं स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक दवा बहुत कारगर साबित हुई हैं और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लोग हमेशा से आयुर्वेदिक नुक्से को अपनाते हैं आये हैं। यदि आप ये जानना चाहते हैं की “ताकत के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा अच्छी है” तो यह लेख आपके लिए महत्पूर्ण होने वाली हैं ‘ क्योंकि इस लेख में कुछ महत्पूर्ण ताकतवर आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी प्रस्तुत की गई हैं ‘ जिसका लाभ आप उठा सकते हैं ।
आयुर्वेदिक दवा हमारे शरीर को बिना किसी दुष्प्रभाव किये असामान्य गतिविधियों को प्राकृतिक तरीकों से ठीक करती हैं अर्थात हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाले रोगों / समस्याओं को ठीक कर देती हैं । आयुर्वेदिक दवा मूल रूप से बिलकुल प्राकृतिक चीजें जैसे- जड़ी – बूटियों से मिलकर बना होता हैं , जो हमारे शरीर में उत्पन्न रोगों के जड़ तक पहुँच कर उसे जड़ से खत्म करने का कार्य करते हैं ‘ लेकिन यह कब और किस प्रकार कार्य करते हैं इसकी जानकारी होना जरूरी होता हैं अन्यथा यह दवा काम नहीं करती हैं ।
आयुर्वेद में सबसे ताकतवर दवा कौन सी है? – ताकत के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा अच्छी है?
आयुर्वेद में कई तरह के ताकवर दवा उपलब्ध हैं जो किसी आयुर्वेदिक स्टोर में उपलब्ध हो सकते हैं अथवा आप इसे आयुर्वेदिक दवाखाना से प्राप्त कर सकते हैं । यदि आप लम्बे समय से कमजोर हैं अथवा कमजोरी की समस्या बराबर रहता हैं तो आप इन दवाओं को जरूर अपना सकते हैं और कमजोरी जैसे समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन एक लम्बी प्रक्रिया होती हैं जो शारीरिक समस्याओं /रोगों को ठीक करने में समय लेता हैं ‘ जिसमें एक विशेष प्रकार की दिनचर्या एवं क्रमबद्ध तरीकों का पालन करना पड़ता हैं अर्थात सही खान – पान एवं रहन सहन के साथ दवाओं को सही तरीकों से सेवन करने की आवश्यकता होती हैं ।
ध्यान दीजिये : किसी एक औषधि/ दवा को सबसे अच्छा मान लेना ठीक नहीं होता हैं क्योंकि हर एक व्यक्ति समस्याओं का कारण अलग-अलग हो सकता हैं अर्थात व्यक्ति अलग – अलग प्रभावों के कारण बीमार पड़ते हैं ‘ ऐसे में जो दवा आपके लिए फायदेमंद हो सकता हैं वह दूसरे के लिए उतना फायदेमंद नहीं हैं । इसलिए आप अपने शरीर के अनुकूलता का आवश्य ध्यान रखे तथा आकलन करें की हमें कौन सी दवा से फायदे प्राप्त हो रहे हैं । आइये तो हम उन महत्पूर्ण आयुर्वेदिक ताकतवर दवाओं के बारे में बारी – बारी से अध्ययन करते हैं ‘ जो निम्नलिखित हैं।
शिलाजीत (Shilajit):
- यह एक गाढ़ा भूरे रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है जो प्रमुख रूप से से हिमालय की चट्टानों में पाया जाता है।
- इसका प्रयोग विशेष रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता हैं जो कई गुणों से भरपूर होता हैं।
- हमारे शरीर के लिए बहुत लाभकारी होते हैं ‘ जिसका सेवन करने से हमारे शरीर को अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त होती हैं ।
- इसका प्रयोग विशेष रूप से शक्तिवर्धक के लिए किया जाता हैं ।
- यह मानसिक तनाव खत्म करता हैं और शारीरिक ऊर्जा को बनाये रखता हैं ‘ साथ में यह आयुवर्धक होते हैं ।
- इसका सेवन से शुक्रमेह एवं मधुमेह की समस्या नहीं होती हैं ।
- यह वीर्य शोधक होता हैं तथा स्प्नदोष , धातु क्षीणता जैसे समस्या को दूर रखता हैं।
- इसका सेवन से मोटापा नहीं आती हैं ।
- इसमें खनिज(Minerals) , विटामिन(Vitamin) एवं एंटीऑक्सीडेंट्स(Anti-oxidant) पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं ।
ध्यान दें – हमारे शरीर के लिए संतुलित आहार बहुत आवश्यक होता हैं ‘ बाकी चीजें जो दवा के रूप में प्रयोग करते हैं वह तो हमारे शरीर में होने वाले कमी को पूरा करते हैं । लेकिन एक संतुलित भोजन लेने के अलावा भी हमारे शरीर को अन्य कई सारे तत्वों की आवश्यकता होती हैं जिसकी पूर्ति करने के लिए आयुर्वेदिक चीजों का सेवन करना आवश्य होता हैं ।
त्रिफला (Triphala):
त्रिफला तीन फलों का मिश्रण होता हैं जिसमें आंवला बहेडा तथा हरड़ 1:2:3 के अनुपात में चूर्ण के रूप में मिला होता हैं ‘ कहने का अर्थ हैं की यदि 100g आंवला हैं तो उसमें 200g बहेडा तथा 300g हरड़ डाला जाता हैं और तीनों को आपस में मिला कर चूर्ण तैयार कर लिया जाता हैं।
त्रिफला ही एक ऐसे आयुर्वेदिक चूर्ण हैं ‘ जो शरीर के वात , पित्त कफ तीनों को संतुलित रखने का क्षमता रखता हैं और जो व्यक्ति अपने शरीर का वात , पित्त , कफ तीनों को संतुलित रखता हैं वह कभी बीमार नहीं पड़ता हैं और जो बीमार ही नहीं पड़ते हैं उसके शरीर में ताकत की कमी आ ही नहीं सकती हैं जोकि सम्पूर्ण सत्य हैं।
त्रिफला के फायदे :
बराबर सेवन करने से निम्न फायदे होते हैं ।
- ह्रदय रोग उत्पन नहीं होते हैं ।
- उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता हैं।
- मधुमेह में होने से रोकता है ।
- नेत्र रोग नहीं होता हैं ।
- पेट की समस्या नहीं होते हैं ।
- मोटापा की समस्या उत्पन्न नहीं होते हैं ।
- कुष्टरोग होने से बचाव होता हैं ।
- विषमज्वर एवं सूजन को नष्ट करता हैं ।
- हड्डी , दाँतों की समस्या नहीं होती हैं ।
- शरीर फुर्तीला रहता हैं।
त्रिफला लेने की विधि : इसका सेवन सुबह और रात दोनों समय में कर सकते हैं ‘ आप गुनगुने पानी के साथ अथवा दूध के साथ त्रिफला चूर्ण ले सकते हैं । आपको सलाह हैं की इसका सेवन से पहले वैद्य का सलाह आवश्य ले क्योंकि शरीर के स्तिथियों के बारे में जानना बहुत आवश्य होता हैं ताकि अन्य कोइ दुष्प्रभाव से बचा जा सकें ।
अश्वगंधा (Ashwagandha):
अश्वगंधा एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो मानव शरीर के लिए बहुत गुणकारी होता हैं । यह भारतीय चिकित्सा में विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए बहुत लोकप्रिय है। अभी आपको अश्वगंधा के फायदे के बारे में जानकारी देंगें जो निम्नलिखित हैं।
- यह स्ट्रेस से राहत (Stress Relief) से राहत प्रदान करता हैं ‘ जो तंत्रिका तंत्र को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
- यह कमजोरियों को दूर करने में मदद करते हैं और योन समस्याओं को दूर करता हैं ।
- यह Immune System को मजबूत रखता हैं।
- यह शारीरिक ऊर्जा को बनाये रखता हैं ‘ जिससे थकान , कमजोरी आदि को ठीक रखता हैं।
- इसका सेवन से अच्छे नींद प्राप्त होता हैं ।
- यह मानसिक तनाव को सुधार करता हैं ।
अश्वगंधा का सेवन करने का विधि :
- आप अश्वगंधा पाउडर को पानी के साथ मिलाकर पी सकते हैं। सामान्य रूप से 1-2 ग्राम की अश्वगंधा को हल्का गर्म पानी के साथ ले सकते हैं और इसे सुबह नाश्ता के बाद ले सकते हैं।
- अश्वगंधा के टेबलेट का भी प्रयोग कर सकते हैं’ जिसे पानी के साथ ले सकते हैं ।
- इसके पाउडर को दूध के साथ भी ले सकते हैं ।
Note : अश्वगंधा का प्रयोग करने से पहले अपने शरीर स्तिथि की पता जरूर लगाए ताकि शरीर पर कोइ प्रतिकूल प्रभाव न पड़ें और विशेष रूप से बड़े – बुजुर्ग अथवा वैद्य से से सलाह आवश्य लें ।
शतावरी (Shatavari):
शतावरी के फायदे निम्नलिखित हैं ।
- इसका सेवन से शीघ्र पतन की समस्या में फायदा मिलते हैं और यह पुरुष के यौन स्वास्थ्य में सुधार करता हैं और जब व्यक्ति योन समस्याओं से दूर रहते हैं तो उसका शरीर वैसे ही तंदुरुस्त रहते हैं।
- इसका सेवन से शरीर में ऊर्जा बनी रहती हैं और हमें शारीरिक कमजोरियों से दूर रखते हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहता हैं ।
शतावरी का सेवन कैसे किया जाता हैं ?
- यह बाजार में पाउडर के रूप में उपलब्ध होता है ‘ आप इसे गर्म पानी के साथ मिलाकर पी सकते हैं। इसका सेवन सामान्य रूप से इसे 1-2 ग्राम की मात्रा से शुरू करते हैं।
- यह कैप्सूल्स के रूप में भी उपलब्ध हैं ‘ इसे आप पानी के साथ ले सकते हैं ।
निष्कर्ष(Conclusion) :