गति वेग और त्वरण क्या है? या गति(Motion) से आप क्या समझते हैं?
अभी आप जानेंगें की गति वेग और त्वरण क्या है? जिन सब के बारे में सम्पूर्ण जानकारिया प्राप्त करने वाले हैं। प्रमुख रूप से भौतिकी विज्ञान में गति के अंतर्गत ही दुरी , चाल , वेग , त्वरण , विस्थापन आदि का अध्ययन किया जाता हैं अतः यदि आप गति(Motion) को पढ़ते हैं तो उन सारे चीजों को भी पढ़ लेंगें जो गति के अंतर्गत आते हैं।
गति(Motion) – समय के साथ किसी वस्तु के स्तिथि में परिवर्तन को गति कहते हैं। अर्थात जब किसी वस्तु/पिंड के स्तिथि में किसी प्रकार का परिवर्तन होता हैं तो उस परिवर्तन को ही गति कहते हैं। कोइ वस्तु स्थिर हैं तो वह गति में नहीं हैं और जब उसमें कोइ हलचल होता हैं अथवा किसी दिशा में चलने लगता हैं तो वह गति कहा जाएगा ।
जैसे –
- सड़कों पर गाड़ियों का चलना गति हैं ।
- बच्चे का दौड़ना गति हैं ।
- हवाई जहाज का उड़ना गति हैं ।
- पृथ्वी का घूमना गति हैं , आदि ।
गति गति वेग और त्वरण क्या है?
गति क्या होता हैं? इसके बारे में आप जान चुके हैं जिसे उदाहरण के साथ अच्छी तरह से बताया गया लेकिन आप नहीं समझ पाए तो पुनः जान लीजिए जिसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं जो निम्न हैं।
- मान लीजिए की आप एक पेड़ के निचे बैठे हैं, कुछ देर बैठने के बाद आप अपने घर की तरफ चल दिए तो आपका चलना गति कहा जाएगा । यदि आपसे पूछा जाएगा की पेड़ से लेकर घर तक की दुरी कितना हैं तो इसके लिए आपको पेड़ के किसी बिंदु से लेकर घर के किसी बिंदु तक की दूरी को मापना होगा क्योंकि दूरी को मापने के लिए किसी एक बिंदु की तो आवश्यकता होगी अन्यथा आप दूरी का मापन नहीं कर सकते हैं। पेड़ के बिंदु को प्रारंभिक बिंदु कहा जाएगा और घर के बिंदु को अंतिम बिंदु कहा जाएगा ।
- दूसरी बात आपको पेड़ से लेकर घर तक चलने में समय तो लगा होगा क्योंकि समय तो हमेशा मौजूद रहती हैं।
निर्देश-बिंदु(Reference point) – वह निश्चित बिंदु जिसके सापेक्ष किसी वस्तु के स्तिथि का तुलना की जाती हैं वह निर्देश बिंदु कहलाता हैं।
जैसे – मान लीजिए की आप अपने घर से दौड़ना शुरू किये हैं तो किसी निश्चित बिंदु से दौड़ना शुरू किये होंगें और जब आप कुछ दूर निकल जाते हैं तो वहां की स्तिथि जानने के लिए प्रारंभिक बिंदु से तुलना करना होता हैं की आखिर आप कितना दूर आ चुके हैं अथवा कितना दूरी तय किये अतः प्रारम्भिक बिंदु को निर्देश बिंदु कहा जाएगा । यदि आप ये कहेंगें की किसी निर्देश बिंदु के सापेक्ष समय के साथ किसी वस्तु के स्तिथि में परिवर्तन होता हैं तो वह वस्तु का गति कहलायेगा ।
विराम(Rest) किसे कहते हैं ? – जब कोइ वस्तु गति में नहीं रहता हैं तो वह विराम कहलाता हैं।
वेग(Velocity) क्या हैं अथवा वेग किसे कहते हैं ?
वस्तु के निश्चित दिशा में स्थान परिवर्तन की दर को वेग कहा जाता हैं ? कहने का अर्थ हैं की कोइ वस्तु निश्चित दिशा में किस दर से स्थान परिवर्तन कर रहा हैं जिस दर से स्थान परिवर्तन कर रहा हैं उस दर को उस वस्तु का वेग कहा जाता हैं। यह एक अदिश राशि हैं और इसका मात्रक मीटर/से(m/s) होता हैं मतलब एक सेकंड में कितना दूरी तय करता हैं।
अर्थात वेग = स्थिति में परिवर्तन का दर / समय । या वेग = स्थिति में परिवर्तन(विस्थापन) / समय
त्वरण(Acceleration) क्या हैं अथवा त्वरण किसे कहते हैं ?
किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहा जाता हैं । यह एक सदिश राशि हैं और इसका मात्रक मीटर प्रति वर्गसेमी(m/s2) होता हैं।
त्वरण = वेग में परिवर्तन / समय
Note- s2 मतलब s का square हैं ।
गति के सम्बन्धी महत्पूर्ण बातें , जो निम्नलिखित हैं :
1 . दूरी(Distance) – पथ की कुल लम्बाई को दूरी कहा जाता हैं । जैसे कोइ लड़का विद्यालय से घर तक पहुंचता हैं अतः स्कूल से लेकर घर तक की कुल लम्बाई को दूरी कहा जायेगा ।
2 . विस्थापन(Displacement) – किसी वस्तु की अंतिम स्तिथि तथा प्रारम्भिक स्तिथि के बिच के न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहा जाता हैं।
3 . चाल(Speed) – वस्तु के द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को चाल कहा जाता हैं। यह एक अदिश राशि हैं जिसका मात्रक मीटर प्रति सेकंड(m/s) होता हैं।
4 . औसत चाल(Average speed) – किसी वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी और लगा हुवा कुल समय के अनुपात को औसत चाल कहा जाता हैं। इसका मात्रक मीटर/से(m/s) होता हैं।
औसत चाल = तय की गई कुल दूरी / लगा हुवा कुल दूरी
5 . औसत वेग(Average velocity) – किसी निश्चित दिशा में वस्तु के प्रारम्भिक वेग और अंतिम वेग के माध्य को औसत वेग कहा जाता हैं। इसका मात्रक m/s होता हैं ।
औसत वेग = प्रारम्भिक वेग + अंतिम वेग / 2
6 . एक समान चाल(Uniform speed) – यदि कोइ वस्तु बराबर समयांतराल में बराबर दूरी तय करता हैं तो वह एक समान चाल कहा जाता हैं ।
7 . असमान चाल(Non-uniform speed) – जब कोइ वस्तु समान समयांतराल में समान दूरी नहीं तय करती हैं तो उस चाल को असमान चाल कहा जाता हैं।
8 . मंदन(Retardation) – ऋणात्मक त्वरण को मंदन कहा जाता हैं।
9 . कोणीय वेग(Angular velocity) – वृतीय गति करती हुई वस्तु के कोणीय विस्थापन की दर को उसका कोणीय वेग कहते हैं।
कोणीय वेग = वृतीय पथ के केंद्र पर बना कोण / लगा समय
10 . अभिकेंद्रिय त्वरण(Centripetal acceleration) – वृतीय गति करती हुए वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर जिसकी दिशा पथ के केंद्र के ओर हो तो उस त्वरण को अभिकेंद्रिय त्वरण कहा जाता हैं।
निष्कर्ष – अभी आपने जाना की गति वेग और त्वरण क्या है? जिसके बारे में सार्थक पूर्ण जानकारियां दी गई और साथ में इनके सम्बंधित उन सारे चीजों को भी सम्मलित किया गया जो गति से सम्बन्ध रखता हैं ।
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