ek vachan bahuvachan , एकवचन बहुवचन क्या होगा? , एक वचन से बहुवचन कैसे बनाया जाता हैं? – हिंदी व्याकरण ।

ek vachan bahuvachan , एकवचन बहुवचन क्या होगा? 

एक वचन में केवल एक ही वस्तु , व्यक्ति , स्थान , प्राणी , जिव -जंतु  आदि होते हैं लेकिन बहुवचन में एक से अधिक वस्तु , व्यक्ति , स्थान , प्राणी आदि होते हैं । अर्थात एक वचन में एक पदार्थो/ संज्ञाओं का बोध होगा तथा बहुवचन में एक से अधिक पदार्थ / संज्ञाओं आदि का बोध होगा । व्याकरण में इसका सम्बन्ध संख्या से हैं जिसमें संज्ञा , सर्वनाम , क्रिया , क्रियाविशेषण इत्यादि के रूपों के संख्याओं के बारे में पता लगाया जाता हैं।

उदाहरण :

मान लेते हैं की कोइ संज्ञा हैं तो , वह कितना हैं । यदि एक हैं तो एक वचन में हैं तथा बहुत सारे हैं तो बहुवचन में हैं। ऐसे ही क्रिया , सर्वनाम तथा क्रियाविशेषण आदि के बारे में संख्याओं का बोध कराया जाता हैं। अतः इस पेज में इनके बारे में उदाहरण के साथ विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगें।

 

एकवचन से बहुवचन कैसे बनाया जाता है?(ek vachan bahuvachan) 

यदि आप हिंदी व्याकरण के अनुसार एक वचन को  बहुवचन में बदलना चाहते हैं तो इसके कुछ नियम हैं आप उस नियम का अध्ययन आवश्य करें अथवा आप अच्छे हिंदी व्याकरण का अध्ययन जरूर करें जिसके अध्ययन करने से आपको एक अच्छा अनुभव हो जाएगा जिसके कारण आप किसी भी शब्द को पढ़कर आसानी से पता लगा सकते हैं की वह एक वचन में हैं या बहुवचन में ।  

यदि आप गहनता से समझना चाहते हैं तो आपको धैर्य एवं गहनता के साथ समझने की आवश्यकता हैं , अतः आप निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान पूर्वक पढ़िए ।

किसी भी शब्द का वचन होने का क्या कारण होते हैं? – ध्यान दीजिए संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण तथा क्रिया के रूपों में विकार उत्पन्न होते हैं । आप संज्ञा , सर्वनाम , क्रिया , क्रियाविशेषण आदि के रूपों के बारे में  आवश्य जानते होंगें जैसे की संज्ञा के पांच रूप होते हैं इसी प्रकार अन्य प्रकरण का भी रूप होंगें । समझने वाली बात यह हैं की सर्वनाम , क्रिया , क्रियाविशेषण के रूप संज्ञाओं पर ही आश्रित होते हैं अर्थात वचन में संज्ञा शब्दों का रूपांतरण का प्रमुखता रहती हैं कहने का अर्थ हैं की वचन के निर्धारण में संज्ञा तथा संज्ञा के रूप को ही प्रमुख रूप से ध्यान में रखा जाता हैं।

 

संज्ञा के अधीन संज्ञा के रूप दो प्रकार से परिवर्तित होते हैं। (1) विभक्ति-रहित(बिना विभक्ति के) (2) विभक्ति सहित( विभक्ति के साथ)  , अतः इनके आधार पर एक वचन संज्ञाओं को बहुवचन बनाने के नियम जो निम्नलिखित हैं। 

 

ek vachan bahuvachan

 

(1) विभक्ति – रहित संज्ञाओं को बहुवचन बनाने का नियम :

(i) . यदि किसी पुल्लिंग शब्द के अंत में “आ” हो तो उसका ‘ए’ करने से बहुवचन बनता हैं। जैसे – 

एक वचन  बहुवचन 
लड़का  लड़के 
कपड़ा कपड़े
बच्चा  बच्चे 
घोड़ा घोड़े 

 

ध्यान दें –  काका , नाना , दादा , मामा , बाबा , पिता , दादा , आत्मा , देवता , जामाता , इत्यादि के रूप दोनों वचनों(एक वचन तथा बहुवचन) में एक समान रहते हैं।

(ii) . पुल्लिंग आकारांत से भिन्न संज्ञाएँ नहीं बदलती हैं, इनके वचन की पहचान क्रिया द्वारा होती हैं। आकारांत से भिन्न संज्ञा का अर्थ हैं अन्त्य अ , इ , इ , उ , ऊ वाली संज्ञा । इसे आप उदाहण से आसानी से समझ जायेंगें जो निम्नलिखित हैं।

एक वचन  बहुवचन 
हाथी आता हैं ।  हाथी आते हैं । 
पति है। पति हैं।
साधु आया हैं । साधु आये हैं।
नदी बहती है।  नदी बहते हैं।

 

(iii) . आकारांत एक वचन संज्ञा शब्द के अंत में एँ लगाने से बनता हैं । जैसे –

एक वचन   बहुवचन 
कथा  कथाएँ
शाखा  शाखाएँ , इत्यादि ।

 

(iv) . अकारान्त शब्दों का बहुवचन अंतिम ‘अ’ को ‘एँ’ करने से बनता हैं। जैसे – 

एक वचन  बहुवचन 
बात  बातें 
आदत  आदतें 
बहन  बहनें
छत  छतें , इत्यादि ।

 

(v) . अन्त्य ‘इ’ में  ‘याँ’ जोड़ने से । जैसे – 

 एक वचन  बहुवचन 
छवि  छवियाँ 
निति  नीतियाँ , इत्यादि ।

 

(vi) . अन्त्य को ‘ई’ को ‘‘ कर ‘याँ’ जोड़ने से । जैसे – 

 एक वचन  बहुवचन 
रोटी रोटियाँ
डाली डालियाँ
टोपी टोपियाँ
गोपी  गोपियाँ , इत्यादि ।

 

(vii) . अन्त्य ‘या’ पर चंद्र बिंदु लगा देने से । जैसे –

एक वचन  बहुवचन 
चिड़िया  चिड़ियाँ 
बुढ़िया  बुधियाँ 

 

(viii) . जहाँ पर दोनों वचनों में पुल्लिंग में एक ही रूप होते हैं या अन्य स्त्रीलिंग भी बहुवचन का प्रायः गण , वर्ग , जन , वृन्द , लोग , आदि लगाकर किया जाता हैं।

जैसे – 

एक वचन   बहुवचन
पाठक पाठकगण
पक्षी पक्षीगण
मंत्री मंत्रीगण
आप आपलोग , इत्यादि ।

 

 

ek vachan bahuvachan

 

2 . विभक्ति – सहित संज्ञाओं को बहुवचन बनाने का नियम जो निम्नलिखित है । 

(i) सभी अकारान्त , आकारांत ( संस्कृत शब्दों को छोड़कर) तथा  एकारांत हिंदी और फारसी संज्ञाओं के अंतिम ‘अ’ तथा ‘आ’ के स्थान पर ‘ओं’ कर देते हैं।

जैसे – 

एक वचन  बहुवचन विभक्ति – चिन्ह के साथ प्रयोग 
चोर  चोरों  चोरों ने कहा ।
घोड़ा  घोड़ों  घोड़ों की दौड़ ।
लड़का  लड़कों  लड़कों की दौड़ , इत्यादि ।

 

2 . संस्कृत आकारांत संज्ञाओं और सभी उकारांत , ऊकारांत संज्ञाओं के बाद ‘ओं’ जोड़ दिया जाता हैं। जैसे –

एक वचन  बहुवचन विभक्ति – चिन्ह के साथ प्रयोग 
माला  मालाओं  मालाओं को देखों ।
साधु साधुओं  साधुओं की पूजा करों ।
घर  घरों  घरों में काम करों ।
आलू  आलुओं  आलुओं को तौल दो , इत्यादि ।

 

 

3 . सभी इकारांत और ईकारांत संज्ञाओं के उपारांत ‘यों’ जोड़ दिया जाता हैं। ई को इ कर देते हैं। जैसे –

एक वचन  बहुवचन विभक्ति-चिन्हों के साथ प्रयोग ।
मुनि  मुनियों  यह मुनियों की यागशाला ।
गली गलियों  अँधेरी गालियों में मत घूमो ।
साड़ी  साड़ियों  साड़ियों की कीमत दे दो ।
गाली गालियों  गालियों की परवाह मत करो ।

 

निष्कर्ष – अभी आपने जाना की “ek vachan bahuvachan” क्या होता हैं जिसके बारे में सभी सार्थक जानकारी प्रदान की गई । उम्मीद हैं की आपको इनके सम्बंधित सारे जानकारी मिल चुकी होगी । 

 

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