काल किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं? (kal kise kahate hain) , परिभाषा भेद एवं उदाहरण – kal ki paribhasha

काल किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं? (kal kise kahate hain) , परिभाषा भेद एवं उदाहरण – kal ki paribhasha 

इन वाक्यों को देखें –

मैं पढता हूँ ।  वह खा रहा हैं ।
वेलोग जा चुके हैं। हमलोग पढ़ चुके हैं । 
वह खाया  राधा पढ़ी ।
वह पढ़ा होगा । अगर मैं पढता होता , तो कहता । 
वह घर जाएगी ।  कल पढ़ना , इत्यादि।

 

ऊपर दिए गए वाक्यों  में प्रत्येक वाक्य किसी-न-किसी काल में हैं और किस काल में हैं ये जानने के लिए इस पुरे पेज को पढ़ने की आवश्यकता हैं । इस पेज में काल क्या होता हैं और इसके कितने भेद/प्रकार होते हैं सभी के बारे में सार्थक पूर्ण जानकारियां प्राप्त करेंगें। अभी आप हिंदी व्याकरण के काल के बारे में पढ़ रहे हैं। यदि आप अंग्रेजी व्याकर में काल(Tense) के बारे में पढेंगें तो हिंदी व्याकरण से बिलकुल अलग  तरीकों से  समझना पड़ेगा।   

 

काल की परिभाषा(kal kise kahate hain),भेद एवं उदाहरण।

काल की परिभाषा – क्रिया के रूपान्तर को काल कहा जाता हैं अथवा समय के अनुसार क्रिया के रूप में परिवर्तन को काल कहा जाता हैं।

आप क्रिया के बारे में आवश्य जानते होंगें यदि नहीं तो आपको बताना चाहेंगें की जिसके द्वारा कार्य का संपादन होता हैं वह क्रिया कहलाता हैं। अब प्रश्न आता हैं की क्रिया के रूपान्तर कैसे होता हैं अथवा समय के अनुसार क्रिया के रूप में परिवर्तन कैसे होता हैं तभी तो हम काल के परिभाषा को सही से समझ पायेंगें यदि आपको यह स्पष्ट हो गया तो आगे समझने में कोइ दिक्कत नहीं होगा ।

रूपान्तर का अर्थ  बदलना या परिवर्तन होना। प्रमुख रूप से काल के तीन भेद होते हैं और प्रत्येक भेद के भी कुछ सामान्य भेद होते हैं जिसकी जानकारी वाक्यों में उपस्थित क्रिया के द्वारा  प्राप्त होती हैं अर्थात जब वाक्यों में उपस्थित क्रिया का रूप बदलता हैं तो काल(समय) भी बदल जाता हैं और जब समय बदलता हैं तो क्रिया भी बदल जाता हैं जिसे व्याकरण के भाषा में काल कहा जाता हैं। आप निचे के वाक्यों पर ध्यान दीजिए – 

  1. रमेश दौड़ता हैं। 
  2. रमेश दौड़ रहा हैं।
  3. रमेश पढता होगा ।
  4. रमेश दौड़ चूका हैं ।
  5. रमेश दौड़ा ।
  6. रमेश दौड़ेगा । 
  7. रमेश खाना खाया ।
  8. तुम पढों।
  9. कल पढ़ना , इत्यादि । 

ऊपर के प्रत्येक वाक्य अलग-अलग समय को दर्शाते हैं।

  • पहला वाक्य में रमेश दौड़ता हैं जिसकी क्रिया वर्तमान काल में हैं । 
  • दूसरा वाक्य में रमेश दौड़ रहा हैं यह भी वर्तमान काल में हैं परन्तु लगाता कार्य कर रहा हैं इसमें भी क्रिया बदल गया हैं। 
  • तीसरे वाक्य में “रमेश पढता होगा” जिसकी क्रिया भविष्य काल में हैं। 
  • चौथा वाक्य में रमेश दौड़ चूका हैं यह वाक्य तो वर्तमान काल में ही हैं लेकिन क्रिया का रूप बदल गया हैं। 
  • आठवां वाक्य में कोइ किसी को आज्ञा दे रहा हैं की तुम पढों । कुल बात यह हैं की जिस वाक्य की जैसी क्रिया होती हैं उसे वैसी काल कहा जाता हैं।

 

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काल के कुल कितने भेद होते है?(kaal ke bhed / kal ke kitne bhed hote hain) 

काल के प्रमुख तीन भेद हैं जो निम्नलिखित हैं –

  1. वर्तमान काल(Present tense) 
  2. भूतकाल(Past tense)  
  3. भविष्य काल(Future tense) 

 

 1 . वर्तमान काल किसे कहते हैं( vartman kal kise kahate hain) : 

जिस हिंदी वाक्य के क्रिया का सम्बन्ध वर्तमान काल से हो तो उस वाक्य को वर्तमान काल कहा जाता हैं अर्थात वर्तमान समय का बोध कराने वाले वाक्य को वर्तमान काल कहा जाता हैं। जैसे – 1 वह खाता हैं ।  यह वाक्य वर्तमान काल में हैं क्योंकि इस वाक्य से पता चलता हैं कि कोइ person हैं जो खाता हैं ।

  •  रमेश घर जाता हैं – इस वाक्य के क्रिया से  पता चलता हैं कि रमेश वर्तमान में घर जाता हैं।
  • वह लिख रहा हैं – इस वाक्य में लिखने का काम जारी हैं जिसका सम्बन्ध वर्तमान काल से हैं । आप वाक्य को देखकर खुद अनुमान लगा सकते हैं कि वह क्या बता रहा हैं ‘वह लिख रहा हैं’इसका मतलब ये हैं की वह वर्तमान में कुछ लिख रहा हैं । 

 

इसी तरह –

  • श्याम दौड़ता हैं ।
  • रमेश खा चूका हैं।
  • अजय सो चूका हैं।

 

 

2 . भूतकाल किसे कहते हैं (bhutkal kise kahate hain)

(2) भूतकाल के परिभाषा –  बीते हुए समय के अनुसार क्रिया के रूप में परिवर्तन को भूतकाल कहा जाता हैं अर्थात जो समय बीत चूका हैं वह भूतकाल कहा जाता हैं।

जैसे:

  • वह पढता था ।
  • अजय लिखता था ।
  • अशोक विद्यालय जाता था ।
  • गीता गीत गाती थी ।
  • वे लोग हार गए थे।

 

भविष्य काल किसे कहते हैं(bhavishy kal kise kahate hain) 

भविष्य काल  आने वाले समय के अनुसार क्रिया के रूप में परिवर्तन को भविष्य काल कहा जाता हैं ।

जैसे :

  • मैं पढूँगा ।
  • रीता  घर जाएगी ।
  • श्याम गायेगा ।
  • आशा काम करेगी आदि ।

 

अब काल के प्रत्येक भेद के भी भेद होते हैं जो निम्नलिखित हैं। 

1. वर्तमान काल 
  1. सामान्य वर्तमान काल
  2. सदिंग्ध वर्तमान काल
  3. सदिंग्ध वर्तमान काल
  4. आज्ञार्थ वर्तमान काल
  5. सम्भाव्य वर्तमान काल

 

2 . भूतकाल 
  1. सामान्य भूतकाल ।
  2. आसन्न भूतकाल।
  3. पूर्ण भूतकाल ।
  4. अपूर्ण भूतकाल।
  5. संदिग्ध भूतकाल।
  6. हेतुहेतुमद भूतकाल।
  7. पूर्ण संकेतार्थ काल।
  8. अपूर्ण संकेतार्थ काल।
  9. सम्भाव्य भूत काल । 

 

3 . भविष्य काल के भेद 
  1. सामान्य भविष्य काल।
  2. सम्भाव्य भविष्य काल।
  3. भविष्य आज्ञार्थ काल।

 

 

kal kise kahate hain

 

वर्तमान काल के भेदों के परिभाषा एवं उदाहरण जो निम्नलिखित हैं। 

(1) सामान्य वर्तमान काल– वर्तमान समय में सामान्य रूप से होने वाले कार्य को सामान्य वर्तमान काल कहा जाता हैं।

जैसे:

  • वह खाता हैं ।
  • गणेश पढता हैं ।
  • श्याम झूठ बोलता हैं ।
  • अरुण स्नान हैं ।
  • राहुल दूध पीता हैं ।
  • राधा विद्यालय जाती हैं। 

 

(2) सदिंग्ध वर्तमान काल – जब कोइ कार्य वर्तमान काल में संदेह या अनिश्चित रूप से हो रहा हो तो वह सदिंग्ध वर्तमान काल कहा जाता हैं।

जैसे:

  • वह पढता होगा । 
  • रमेश जाता होगा ।
  • श्याम विद्यालय जाता होगा ।
  • राहुल घर जाता होगा आदि ।

 

(3) अपूर्ण वर्तमान काल – जब  कोइ कार्य वर्तमान काल में हो रहा हो परन्तु अभी पूर्ण न हुवा हो तो वह अपूर्ण वर्तमान काल कहा जाता हैं।

जैसे :

  • वह खा रहा हैं । 
  • अजय पढ़ रहा हैं ।
  • मैं गए रहा हूँ ।
  • रंजन खेल रहा हैं आदि ।

 

(4) आज्ञार्थ वर्तमान काल-जिस क्रिया से वर्तमान काल में किसी को आज्ञा देने का बोध हो तो वह आज्ञार्थ वर्तमान काल कहा जाता हैं ।

जैसे :

  • तुम पढों ।
  • आप खाओं ।
  • तुम जाओं ।
  • तुम घर जाओं ।
  • आप बोलो आदि ।

 

(5) सम्भाव्य वर्तमान काल- यदि वर्तमान काल में कोइ क्रिया लगातार होते रहता हैं तो वह सम्भाव्य वर्तमान काल कहलाता हैं ।

जैसे :

  • मैं पढता रहूँगा ।
  • वे चलते रहेंगें ।
  • गणेश गाते रहेंगे आदि ।

 

Note-  हिंदी व्याकरण(Hindi grammar) एवं अंग्रेजी व्याकरण (English grammar) के प्रयोग में अंतर होता हैं अर्थात दोनों का प्रयोग करने का तरीका अलग-अलग होता हैं ।

 

 

 

 भूतकाल के भेदों का परिभाषा एवं उदाहरण।  

1. सामान्य भूतकाल – भूतकाल में होने वाली क्रिया को सामान्य भूतकाल कहा जाता हैं अर्थात बीते हुए समय का बोध कराने वाली क्रिया को सामान्य भूतकाल कहा जाता हैं ।

जैसे :

  • वह खाया  । 
  • सीता गई ।  
  • उसने पत्र लिखा आदि ।

 

 

2 . आसन्न भूतकाल – जिस क्रिया से तुरंत काम समाप्त होने का बोध हो तो उसे आसन्न भूतकाल कहा जाता हैं।

जैसे:

  • वह खाया हैं ।
  • रमेश खेल कर आया हैं ।
  • वह विद्यालय से आया हैं आदि ।

 

 

3 . पूर्ण भूतकाल – जिस क्रिया से कार्य समाप्त होने का बोध हो तो वह पूर्ण भूतकाल कहा जाता हैं।

जैसे :

  • वह घर जा चूका था ।
  • राकेश पढ़ चूका था ।
  • राजेश विद्यालय जा चूका था आदि।

 

4 . अपूर्ण भूतकाल – जब कोइ काम पहले ही प्रारम्भ हो गया था और वह अभी तक चल रहा था तो इस प्रकार के क्रिया को अपूर्ण भूतकाल कहा जाता हैं।

जैसे:

  • वह पढ़ रहा था।
  • राकेश आ रहा था ।
  • संतोष पढ़ रहा था ।
  • वह खा रही थी आदि ।

 

5 . संदिग्ध  भूतकाल –  यदि भूतकाल में किसी क्रिया के होने का संदेह हो या अनिश्चय हो तो वह संदिग्ध भूतकाल कहा जाता हैं ।

जैसे:

  • वह पढ़ा होगा ।
  • रमेश गाया होगा ।
  • गणेश खाया होगा आदि ।

 

6  . हेतुहेतुमद्भुत भूतकाल- जिस क्रिया के रूप से यह पता चले की कोइ कार्य भूतकाल में होनेवाला था लेकिन हुवा नहीं  हो तो वह हेतुहेतुमद्भुत कहा जाता हैं।

जैसे :

  • मैं आता , तो बतलाता ।
  • वह खाया , तो बताता आदि ।

 

7 . पूर्ण संकेतार्थ काल – यह हेतुहेतुमद्भुत जैसा ही हैं सिर्फ ‘होता’ जोड़ देते हैं ।

जैसे :

  • मैं आता होता , तो बतलाता ।
  • वह खाया होता , तो बताता ।

 

8 . अपूर्ण संकेतार्थ काल-  यदि किसी क्रिया के भूतकाल में होने का सम्भावना वक्त हो तो वह अपूर्ण संकेतिक काल कहा जाता हैं ।

जैसे:

  • यदि वह देखता होता , तो बतलाता ।
  • अगर मैं पढता होता , तो कहता आदि ।

 

9 . सम्भाव्य भूत काल –  इसका प्रयोग ऐसे कार्य के लिए होता हैं जिससे भूतकाल में होने की सम्भावना हो ।

जैसे – यदि मैं उस दिन बोला होता, तो आप मुझे कुछ कहते ।

   

 

भविष्यकाल के भेद / परिभाषा एवं उदहारण ।

1 . सामान्य भविष्य काल-आने वाले समय का बोध कराने के लिए जिस क्रिया का बोध करते हैं वह  सामान्य भविष्य काल कहा जाता हैं ।

जैसे :

  • मैं जाऊँगा । 
  • वह घर जायेंगें।
  • वे लोग घर जायेंगें ।
  • वह जायेंगें आदि ।

2 . सम्भाव्य भविष्य काल – जिस क्रिया से भविष्य में होने वाली कार्य की सम्भावना-मात्र रहती हो तो वह सम्भाव्य भविष्य काल कहा जाता हैं।

जैसे :

  • आज शाम की वर्षा होगी ।
  • आज अजय आएगा ।
  • श्याम घर आएगा ।
  • वह पढ़ेगा आदि।

2 . भविष्य आज्ञार्थ काल –आने वाले समय में कुछ करने की आज्ञा हो तो वह भविष्य आज्ञार्थ काल कहा जाता हैं ।

जैसे:

  • कल पढ़ना ।
  • आपको खाना हैं ।
  • तुम जाना ।
  • आप दौड़ना आदि ।

निष्कर्ष – अभी आपने जाना की “काल किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं? (kal kise kahate hain)” जिसके बारे में सभी जानकारी सार्थक रूप से दी गई हमें उम्मीद हैं की आपको काल के सम्बंधित सभी प्रकार के जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी।

 

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